Sunday, January 28, 2024

मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के लक्षण आध्यात्मिक उपचार

मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के लक्षण"

यह सम सामयिक मुद्दा मनोदैहिक स्वास्थ्य सरोकार मानसिक स्वास्थ्य के बिगाड़ने के लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि अनावश्यक तनाव,अनावश्यक भय, नकारात्मकता सोच इसके अलावा नींद की कमी, चिंता, रुचि की हानि और आत्मविश्वास में कमी। इसके साथ ही, यह समर्थन और जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य रखता है।

रात को अच्छी नींद ना आना।

दिनभर अनावश्यक विचार चलते रहना।

बेवजह की चिंता और घबराहट महसूस होना।

मन का उदास रहना

आत्मविश्वास में लगातार गिरावट महसूस करना।

किसी भी काम में मन ना लगना। और छोटे-छोटे काम को कल पर टालना।

हमेशा नकारात्मक पहलू नजर आना।

अच्छा खाना खाने के बावजूद लगातार वजन का कम होना।

अपने पसंदीदा कामों और रतिक्रिया में रुचि खो देना।

अत्यंत छोटी-छोटी बातों पर बहुत गुस्सा करना और झुंझलाहट महसूस होना

उक्त सभी स्वास्थ्य समस्याओं को आध्यात्मिक योग चिकित्सा एवं ध्यान अभ्यास अध्ययन अभ्यास से किया जा सकता है 

ध्यान और आध्यात्मिकता हमारे जीवन में गहरा प्रभाव डालती हैं। ध्यान हमें मन की शांति, स्थिरता और समय की बेहतर व्यवस्था प्रदान करता है। यह हमें अपने अंतर्दृष्टि को स्थायी और विचारों को विश्रामपूर्वक विचार करने की क्षमता प्रदान करता है। इसके परिणामस्वरूप, हम अपने मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं और जीवन को संतुलित, खुशहाल और अर्थपूर्ण बनाने में सक्षम होते हैं।


आध्यात्मिकता हमें ज्ञान, समझ, सामर्थ्य और सांस्कृतिक विकास में मदद करती है। यह हमें अपनी आत्मा के साथ संबंध स्थापित करने, उच्चतम अस्तित्व को पहचानने और जीवन के असली और महत्वपूर्ण आर्थिक, सामाजिक और नैतिक मूल्यों को समझने में मदद करती है। इसके अलावा, आध्यात्मिकता हमें संयम, सहनशीलता, करुणा, आत्मसमर्पण और सामर्थ्य का विकास करने में मदद करती है।


संक्षेप में कहें तो, ध्यान और आध्यात्मिकता हमें आनंद, स्वस्थता, समृद्धि और सत्य की प्राप्ति में मदद करती हैं।


स्वास्थ्य परामर्श ,रोग निदान समस्या समाधान हेतु संपर्क करें:

डा सुरेंद्र सिंह विरहे

मनोदैहिक आरोग्य विशेषज्ञ 

आध्यात्मिक योग थेरेपिस्ट लाईफ कोच

पूर्व रिसर्च स्कॉलर

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली


*स्थापना सदस्य

मध्य प्रदेश मेंटल हेल्थ एलायंस

*

पूर्व उप निदेशक

मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद संस्कृति विभाग भोपाल मध्य प्रदेश


शोध समन्व्यक 

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मध्य प्रदेश 

09826042177

08989832149

Saturday, January 27, 2024

Kundalini Sadhana is actually the science of controlling inanimate substances by conscious nature.

Kundalini Sadhana is actually the science of controlling inanimate substances by conscious nature.

In the Puranas, there is mention of Brahma ji having two wives (1) Gayatri (2) Savitri. In fact, behind this allegorical depiction, the feeling of existence of two main powers of God has been shown, first is emotional consciousness or Para Prakriti and second is material consciousness or Apara Prakriti. Whatever activity of mind, intellect, chit, ego etc. is seen in the universe, all comes under Para Prakriti or Gayatri Vidya. Gayatri worship develops emotions to this extent Due to which man gets the joy of Samadhi, heaven and liberation by connecting with the cosmic consciousness – God.


The second entity of the world is inanimate nature. The rotation of atoms on their axis and the creation of many substances and the inanimate world through various combinations comes under this. Since external life nature seems to be highly influenced by atoms, it has been given more importance in physical life.


Since external life nature seems to be highly influenced by atoms, it has been given more importance in physical life. All streams of science come under this. Today's material progress can be called a part of Savitri Sadhana, but its origin has not yet been grasped by physics. For this reason, even after making the best machines, human talent seems incomplete. It is fulfilled by worshiping Savitri.


Kundalini meditation is often discussed under the science of yoga. Kundalini Sadhana is actually the science of controlling inanimate substances by conscious nature. In physical science, tools and instruments are possible, but in the science obtained from the combination of extra and extra nature, no such complex system is necessary. Only the all-powerful body created by God fulfills those needs. In radio transmission, there is only one-way system of message transmission.


But the body is such a powerful instrument that if one has complete knowledge of its operation, then man can establish contact with any power and entity in any corner of the universe, can bring about movement and change. Under this means, the nuclear power which is controlled, used and launched. it is called 'soul'

Prana is actually such an igneous spark which can be called inanimate as well as animate. The name of the practice of the knowledge of seeing, knowing, developing, controlling the explosion, etc. of this semi-conscious atom is Kundalini Sadhana.


If we look at India in the past, we realize that our progress has not only been spiritual but also from the material point of view it has reached the highest peak of prosperity and success of the country. Maya, falsehood, illusion and confusion are the gift of the Middle Ages to this world. The need to maintain consistency and balance between both the expectations has been fulfilled by Kundalini Sadhana.

For more information about Spiritual awakening learning contact Dr Surendra Singh Virhe Spiritual Yoga Therapist & Life Coach

utkarshfrom1998@gmail.com


Friday, January 26, 2024

Life is Spontaneous in present and let's enjoy in moment to moment

Life is Spontaneous in present and let's enjoy in moment to moment 

Life is today, it is now, happiness is real fun in this very moment. Whatever is past is past, good and bad times, good and bad experiences, relationships with good and bad people are sometimes lost. Therefore, forget the things of the past and make a new beginning by ignoring the good and bad memories, good and bad incidents, good and bad behavior done by others, insults etc.


In today's present, learn to live life with full enthusiasm and joy, with joy and a smile in every moment. Learn to care for yourself, to worry about yourself first. The other person is never going to support you forever. Every relationship, whether dear or unpleasant, ends one day or the other.


Know yourself deeply and learn the art of self-communication. Elevate yourself. Establish peace in your mind. Avoid getting restless and anxious. Bring positivity in your thoughts. Leave aside negative things and stay away from negative thinkers. Always be alert about your health. Go for a morning walk regularly and look at the rising sun. Listen to the birds chirping. Learn to live in solitude, in silence.


Provide creative expression by connecting yourself with the experiences of meditation. Connect yourself with art, music, dance etc. Keep yourself busy in self-study, reading, writing etc. Always be ready and active in making your life follow some great goal and spiritual goal.

Know your natural tendencies. Learn to remain engrossed in your core interests and passions.

To avail psychosomatic health and spiritual health benefits or for further consultation, contact:


Dr.Surendra Singh Virhe

Mental Health Psychosomatic Spiritual Health Specialist


Life Coach


9826042177


utkarshfrom1998@gmail.com





Thursday, January 25, 2024

स्वस्थ भारत संकल्प से विकसित दिव्य भव्य भारत की बुनियाद बनें।

स्वस्थ भारत निर्माण संकल्प से विकसित आत्मनिर्भर दिव्य भव्य भारत की बुनियाद बनें।

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए!!


आइए हम सब इस गणतंत्र दिवस पर भारत को स्वस्थ और खुशहाल बनाने का संकल्प लें। 

 

भारत के स्वास्थ्य विषयक आंकड़े चिंताजनक है खासतौर पर मानसिक स्वास्थ्य के आंकड़े अत्यंत गंभीर व चिंताजनक है ।


स्वास्थ्य में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए जन गण मन में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता स्वस्थ  रहने हेतु प्रेरित करने की नितांत आवश्यकता है।


आज की बेहद व्यस्त जीवनशैली में कई स्वास्थ्य समस्याएं मानसिक और शारीरिक तनाव का कारण बनती हैं। उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ और अवसाद जैसे मानसिक विकार काफी बढ़ रहे हैं। नियमित स्वास्थ्य मूल्यांकन के साथ, इन्हें प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना और बाद में शारीरिक, मानसिक और सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय तनाव से बचाना आसान होता है।


भारत में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे

WHO के आँकड़ों के अनुसार:

देश में अनुमानत: 150 मिलियन लोगों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है।


60 वर्ष से कम आयु के पुरुषों में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के कारण मृत्यु 38.0% है

60 वर्ष से कम आयु की महिलाओं में एनसीडी के कारण मृत्यु दर 32.1% है

कैंसर, दीर्घकालिक श्वसन रोग, हृदय रोग, मधुमेह आदि जैसे एनसीडी के लिए मृत्यु दर पुरुषों में प्रति 100,000 पर 781.7 और महिलाओं में 571.0 प्रति 100,000 है।


क्योंकि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, लगभग 80% मौतें एनसीडी (गैर-संचारी रोग) के कारण होती हैं और भारत में विश्व स्तर पर मधुमेह रोगियों की संख्या सबसे अधिक है।


भारत स्वस्थ और खुशहाल कैसे होगा?


भारत के स्वास्थ्य में सुधार के लिए कुछ कदम हैं:


रोकथाम :

*स्वास्थ्य जांच अप्रत्याशित स्वास्थ्य देखभाल खर्चों से बचने का सबसे आसान तरीका है

*समय पर टीकाकरण

*स्वस्थ जीवनशैली और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के बुनियादी मानकों को बनाए रखना


भारतीय अर्थव्यवस्था की तीव्र गति के परिणामस्वरूप काम के लंबे घंटों के कारण तनाव, शारीरिक व्यायाम की कमी, अधिकतम नींद और अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतों के कारण जीवनशैली संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हुई हैं।

 ऐसे में डिवाइन लाईफ सॉल्यूशंस की  योग और ध्यान अभ्यास दिव्य  उत्कर्ष विद्या अनुपालन  स्वास्थ्यवर्धक परिणाम प्रदान करते हैं।


संगठनों को आवश्यक स्वास्थ्य और कल्याण पहल को प्राथमिकता के आधार पर समझना और लेना चाहिए और एक स्वस्थ कार्य संस्कृति के लिए प्रयास करना चाहिए।


आज के इस भागमभाग भोगवादी उपभोक्ता बाजारवादी कुसंस्कृति के इस दौर में मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ने के लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करना अत्यन्त आवश्यक है, जैसे कि तनाव, अवसाद, नींद की कमी, अनावश्यक चिंता, रुचि की हानि और आत्मविश्वास में कमी।


दिव्य जीवन समाधान उत्कर्ष संस्थान स्वस्थ भारत मिशन में विगत दो दशक से सक्रिय भूमिका निभा रहा है इसके साथ ही, यह मनोदैहिक आरोग्य अभियान में अग्रणी भूमिका में है यह अभियान स्वस्थ भारत समर्थन और जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य रखता है।


मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों के प्रति जागरूक बनें निम्न लिखित लक्षणों के प्रति सचेत रहें:

रात को अच्छी नींद ना आना।

दिनभर अनावश्यक विचार चलते रहना।

बेवजह की चिंता और घबराहट महसूस होना।

मन का उदास रहना

आत्मविश्वास में लगातार गिरावट महसूस करना।

किसी भी काम में मन ना लगना। और छोटे-छोटे काम को कल पर टालना।

हमेशा नकारात्मक पहलू नजर आना।

अच्छा खाना खाने के बावजूद लगातार वजन का कम होना।

अपने पसंदीदा कामों और रतिक्रिया में रुचि खो देना।

अत्यंत छोटी-छोटी बातों पर बहुत गुस्सा करना और झुंझलाहट महसूस होना


स्वास्थ्य परामर्श ,रोग निदान  समस्या समाधान हेतु संपर्क करें:

डा सुरेंद्र सिंह विरहे

मनोदैहिक आरोग्य विशेषज्ञ 

आध्यात्मिक योग थेरेपिस्ट लाईफ कोच

पूर्व रिसर्च स्कॉलर

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली


*स्थापना सदस्य

मध्य प्रदेश मेंटल हेल्थ एलायंस

*

पूर्व उप निदेशक

मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद संस्कृति विभाग भोपाल मध्य प्रदेश


शोध समन्व्यक 

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मध्य प्रदेश 

09826042177

08989832149



Tuesday, January 23, 2024

स्वस्थ आरोग्यवान बनने का राज मिलेट्स! ऑर्गेनिक फूड मोटे अनाज स्वास्थ्य का खजाना !

स्वस्थ आरोग्यवान बनने का राज मिलेट्स! ऑर्गेनिक फूड मोटे अनाज स्वास्थ्य का खजाना !

आजकल खान पान की जागरूकता आवश्यक हो गई है। आहार से स्वास्थ्य पाना महत्वपूर्ण विषय ट्रेंड बन चुका है! आरोग्य पाने और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने की जरूरत जीवन का प्रमुख महत्वपूर्ण अंग है जिसमे आपका आहार सर्वाधिक अहम भूमिका निभाता है ।

अपनी आहार चर्या में सुधार करके आप अपने आहार में मोटे अनाज अर्थात मिलेट्स पारंपरिक अनाज का उपयोग करके आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं? आइए,आज हम मिलेट्स के बारे में जानते हैं, जिन्हें ‘सुपर ग्रेन्स’ के रूप में जाना जाता है! इन मोटे अनाज के सेवन से हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को अर्जित कर सकते है। 

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाया गया। सामान्य अनाज जिसमे गेहूं चावल आता है । मोटे अनाज यानी मिलेट्स में ज्वार, बाजरा, रागी, सावा, कोदो, चीना, कुटकी जैसे अनाज आते हैं।

हमसे पूर्व की पीढ़ी दादा दादी के समय में मोटे अनाज हमारे भोजन का एक बड़ा हिस्सा होते थे आहार में मोटा अनाज अनिवार्य होता था।

तथाकथित हरित क्रांति के आने से हमारी थाली में गेहूं और चावल घुसते चले गए और मोटा अनाज नियमित खान पान से दूर होता चला गया। 

जबिक हमारा पारंपरिक भारतीय खानपान मोटे अनाज के रूप में "मिलेट्स" पहले से ही हमारी आहार चर्या जीवन शैली में सम्मिलित रहा है।

मिलेट्स के प्रमुख प्रकार निम्न लिखित है:

* ज्वार (Sorghum): ज्वार भारत में एक पॉपुलर मिलेट्स है और इसे अक्सर रोटी, डोसा, और चावल के रूप में खाया जाता है। यह फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है और यह ग्लूटन-फ्री होता है, जिससे ग्लूटन अलर्जी वाले लोग भी इसे सेवन कर सकते हैं।

 *बाजरा (Pearl Millet): बाजरा उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर खेती किया जाता है और यह विटामिन बी, फोलेट, और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत होता है।


* रागी (Finger Millet): रागी को ‘मंडुआ’ या ‘नाचनी’ के नाम से भी जाना जाता है और यह उच्च प्रोटीन और कैल्शियम का स्रोत होता है। यह खासतर साउथ इंडिया में पसंद किया जाता है और दोसा, इडली, और रोटी के रूप में बनाया जाता है।


* कोरा (Foxtail Millet): कोरा अच्छी तरह से पाचक  होता है और यह फाइबर और विटामिन्स का अच्छा स्रोत होता है। यह स्वादिष्ट पुलाव और उपमा के रूप में खाया जा सकता है।


* भगर मोरधन  (Proso Millet): इसे भी व्यापकता से खाया जा सकता है और यह विटामिन्स, मिनरल्स, और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है।

मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभ:

*पौष्टिकता (Nutrient-Rich):

मिलेट्स पारंपरिक अनाजों में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, और फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं। ये हमारे शरीर को सभी महत्वपूर्ण पोषण तत्वों के लिए आवश्यक होते हैं और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।


*वजन नियंत्रण (Weight Management):

मिलेट्स का सेवन करने से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है क्योंकि इनमें फाइबर होता है जो भूख को कम करता है और लाइपिड्स की अवबद्धि में मदद करता है।मोटे अनाज शरीर में फैट चर्बी कम करते हैं।

*दिल के स्वास्थ्य (Heart Health):

मिलेट्स में गैलेक्सी ऑफ एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इनमें सॉरगलेट (Sorghum) कम लाइपिड्स और कोलेस्ट्रॉल की भारी मात्रा में पाया जाता है, जिससे दिल की बीमारियों की रिस्क कम होता है।


*मधुमेह प्रबंधन (Diabetes Management):

मिलेट्स ग्लूकोज की स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं और मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।


*कैंसर प्रतिरोधक (Cancer Fighter):

बाजरे (Pearl Millet) में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मदद कर सकते हैं।

निम्नलिखित कुछ मिलेट्स के प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं जो आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं:

* मिलेट्स की रोटी (Millet Roti): मिलेट्स की रोटी विभिन्न प्रकार के मिलेट्स का आटा बनाकर बनाई जाती है। यह बेहद पौष्टिक होती है और अन्य प्रकार की रोटियों के साथ खाई जा सकती है।

* मिलेट्स की खिचड़ी (Millet Khichdi): मिलेट्स की खिचड़ी एक स्वास्थ्यपूर्ण और सात्विक व्यंजन होता है। इसमें अकेले या अन्य दालों के साथ मिलेट्स का सेवन किया जाता है, और इसमें सब्जियों और मसालों का भी उपयोग होता है।

इसी तरह इडली डोसा ब्रेड पोहा जूस खीर आदि भी मोटे अनाज  से निर्मित मिलेट्स युक्त आहार आज खूब प्रचलन में है।

अब फिर से कृषि में मोटे अनाजों का दौर शुरू हो गया है क्योंकि ऑर्गेनिक फूड के नाम से मॉल और बड़े किराना स्टोर पर प्रीमियम कीमतों पर मिलेट्स बिकने लगा। यानी कि मोटे अनाजों के दिन फिर से लौट आए हैं।

आज पूरी दुनिया उसी भुला दिए गए मोटे अनाजों की तरफ वापस लौट रही है। 

यदि आप मिलेट्स मोटा अनाज का उपभोग करेंगे स्वस्थ आरोग्यवान रहेंगे ।

साथ ही मिलेट्स आहार में रोजाना सेवन करने से बाजार में मांग बढ़ेगी मांग बढ़ेगी तो उत्पादन बढ़ेगा और हमारे किसान मोटे अनाज खेती की तरफ अग्रसर होंगे । जिससे भारत की कृषि अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी।

स्वास्थ्य आहार चर्या मिलेट्स डाइट ऑर्गेनिक फूड हेल्थ वेलनेस लाइफ आरोग्य पाने कि 

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें डा सुरेंद्र सिंह विरहे मनोदैहिक आरोग्य विशेषज्ञ आध्यात्मिक योग थैरेपिस्ट लाइफ कोच ईमेल utkarshfrom1998@gmai.com मोबाईल नम्बर 982604217 




Sunday, January 21, 2024

The Eternal Teachings of Lord Shri Ram

The Eternal Teachings of Lord Shri Ram 

Explore the profound virtues of Lord Shri Ram and how his teachings on policy, love, and altruism can guide us in life. This video takes you on a spiritual journey through the wisdom of Sanatan Dharma.and how his teachings on policy, love, and altruism can guide us in life. 

This Blog takes you on a spiritual journey through the wisdom of Sanatan Dharma.

Lord Shri Ramji knows the true meaning of policy, love, selfishness and altruism. 

God is the only one in the world who knows how to maintain relationships well.

Lord Shri Ram shows the true form of policy-love and selfishness-altruism through his character.

By connecting ethics and love with the practical world, Lord Shri Ram takes us on the path of altruism to achieve real selfishness.

What speech should we speak, should we respect our elders, should we respect our Guru, should we give affection to the younger ones, should we stay with our friends in their joys and sorrows, and moreover, whatever goodness and virtue there is in the world, all are from Lord Shri Ram. We must learn."

Lord Shri Ramchandra ji was a great king as well as a unique commander. 

In times of war, humility is also the path to accumulation of power. 

It also suits a brave man. Therefore, to achieve victory in any major religious war, it is very important to have humility and patience..!!


Dr Surendra Singh Virhe

Spiritual Yoga Therapist Life Coach

Research Coordinator

Department of Dharmik nyas & Dhramashva Govt. of Madhya Pradesh India M:9826042177

Saturday, January 20, 2024

यौन शिक्षा शोध

 क्यायौन आपका सेक्स पॉवर कम है....? क्या आपके प्राइवेट पार्ट में कम तनाव आता है....? क्या आपको शीघ्रपतन की बीमारी है....?


सेक्स स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान: जानिए और उपाय
यह वीडियो उन व्यक्तियों के लिए है जो कम सेक्स ड्राइव, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और शीघ्रपतन जैसी सेक्स स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।  यह प्रचार वीडियो लेख उन्हें जानकारी और समाधान प्रदान करने का उद्देश्य रखता है।

1- लिंग का आकार आदि सामान्य होने के बावजूद भी सेक्स की इच्छा ही न होना, जिस कारण Wife का बुरा व्यवहार आपके सामने आ रहा है या अचानक पत्नी आपसे लड़ रही है।
2- सेक्स करते-करते बीच में ही उत्तेजना Errection समाप्त होकर लिंग Penis का बिना वीर्य निकले ही ढीला पड़ जाना और पत्नी का असंतुष्ट रह जाना, सेक्स से पूर्व वीर्य ज्यादा गुदगुदी होकर निकल जाता है तो इसका इलाज अति शीघ्र करवाएं।
3- सेक्स क्रिया शुरू करते ही वीर्य निकल जाना और पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े।
4- एक बार यदि सेक्स कर लिया तो कई-कई दिनों तक लिंग में सेक्स करने लायक उत्तेजना Erection का ही न आना जिस कारण यदि पत्नी कम उम्र है तो अकारण काम का बहाना करना पड़ता है।
5- वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, वीर्य का पानी की तरह पतला होना।
6- लिंग में सेक्स करने लायक कठोरता Hardness का न आना और इच्छा होने पर भी थोड़ा सा उत्तेजित होकर पिलपिला बना रहना।

शीघ्रपतन जैसी नामुराद बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिये "डिवाइन क्लाइमेक्स" कैप्सूल्स एवं "रति क्रीड़ा क्रीम" चरमोत्कर्ष कामसूत्र ज्ञान आयुर्वैदिक कोर्स किट" "काम तंत्र योगा बुक" ऑर्डर कीजिए। आप एक बार इस्तेमाल जरूर करके देखें। नामर्दी, वीर्य की कमजोरी और शीघ्रपतन दूर करने के लिये अचूक उतम योग। क्या आप अपनी वैवाहिक लाइफ में नयापन लाना चाहते है....? क्या आप अपनी प्रेमिका को सम्मोहित करना चाहते हैं?
अपनी Sex Partner पत्नी को भरपूर यौन सुख दे अपनी समस्या 9826042177 What's App करे।

हर यौन शिक्षा शोध तरफ से निराश और परेशान Sex रोगी एक दफा जरूर परामर्श लें अथवा मिलें, और अपने वैवाहिक जीवन को आनंदमय बनाये। हर उमर में आग जैसा मरदाना जौश पाएं। नया खुन, नया जौश और नई जवानी फिर से पाएं।
हर तरह की Sex Problem का 100 % Guaranteed समाधान....

बुढ़ापे में भी घोड़े जैसी सेक्स ताकत पाने के लिए एक दफा जरूर संपर्क करें, हमारी दवा बहुत ताकतवर है इसको खाने वाला 70 साल का बुढा भी जवान हो जाता है।
जो भी व्यक्ति इस दवा को मंगाना चाहता हैं ।
हमें सम्पर्क कर सकते हैं—–
किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं के लिए हमारे लिंक पर क्लिक करे  आयुर्वेदिक...https://www.facebook.com/divineutkarsh?mibextid=ZbWKwL

Friday, January 19, 2024

 How to increase your vital energy


To be successful in all aspects of our physical, mental, emotional, material and spiritual life, one thing is essential and that is our vital energy, our energy level. The more we have vital energy, the more we will be successful in life and the less it will be, the more we will fail. Being at a lower level of life energy brings a person to the lowest level i.e. sorrow, pain, fear, sadness, failure, negativity etc.


To keep your energy level high and to recharge it every day and to awaken all your sleeping powers, follow the following things: -


1) One should do physical exercises daily like running, swimming, playing, cycling, walking, doing yoga, exercising, dancing, laughing etc. Because by doing various types of physical exercises, the veins and nerves of our body open, which increases the blood flow in these nerves and increases the vital energy.


How much life energy we have inside us depends on the amount of oxygen in our body and mind because the other name of oxygen is life energy. And to increase the amount of oxygen, practice Pranayama like Kapalbhati, Bhastrika, Agnisar, Anulom-Vilom etc. every morning in an open place. 


For more information


For health consultation, disease diagnosis and problem resolution, contact:

Dr Surendra Singh Virhe

psychosomatic health specialist

Spiritual Yoga Therapist Life Coach


Former Research Scholar


"Philosophy of Mind And Consciousness

Studies Through Yoga "

Indian Council of Philosophical Research New Delhi


*Foundation Member

Madhya Pradesh Mental Health Alliance


Former Deputy Director

Madhya Pradesh Sahitya Academy Culture Council Department of Culture Bhopal Madhya Pradesh


Research Coordinator

Religious Trust and Endowment Department Madhya Pradesh

09826042177

08989832149

Monday, January 15, 2024

बॉलीवुड फिल्मों में पश्चिमी संस्कृति का नकारात्मक प्रभाव नई युवा पीढ़ी की बर्बादी पतन का कारण?

बॉलीवुड फिल्मों में पश्चिमी संस्कृति का नकारात्मक प्रभाव नई युवा पीढ़ी की बर्बादी पतन का कारण? 

युवाओं में बॉलीवुड ओ  टी टी फिल्मों के कारण दिखावटी, भोगवादी जीवन शैली पोर्नोग्राफी व्यसन,  नशाखोरी मादक पदार्थों के सेवन की बुरी लत को  बढ़ती  जा रही है 

पहले की हिंदी फ़िल्में हमे हमारी संस्कृतियों से, परम्पराओं से, संस्कारों से, परिवार से, समाज से, सभी धर्मों को अन्य धर्मों से जोड़ कर रखती थी।

 लेकिन वहीँ आज की बॉलीवुड प्रसारित फिल्मों में इन सब की भूमिका को खत्म करके पश्चिमी संस्कृति को प्रसारित किया जाता है, जहाँ नग्नता और अश्लीलता, वासना, हिंसा, शराब पीना-जुआ खेलना, अपनी संस्कृति को निचा दिखाना और अपने परम्पराओं एवं सभ्यताओं के विरुद्ध जाकर किसी चीज को प्रसारित किया जाता है, जो की भारतीय समाज पर एक गहरा नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। 

युवाओं में इन स्वास्थ्य की दुश्मन मादक पदार्थों के सेवन की आदतों, कु प्रव्रतियों को जड़ से खत्म करना चुनौती बन गया है।

 जबकि युवाओं को अपने जीवन में योग, ध्यान ,प्राकृतिक ऑर्गेनिक आहार , आध्यात्मिक संतुलित  जीवन शैली अपनाने की ओर प्रेरित करना होगा ।

युवा सद आचरण और संयम व्रत का अनुपालन करें। झूठ, फरेब, धोखा लालच,घमंड, इर्षा, बैर आदि को अपने व्यवहार में न आने दें क्योंकि इन सब अवगुणों से दूराचार,पाखंड कुकर्मों से आत्म ग्लानि आत्म क्लेश बढ़ता है 

जिससे मानसिक तनाव,अवसाद ,निराशा, नकरात्मकता बढ़ती है और फिर युवा मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं।

इन सब से  युवाओं को बचाना होगा इसके लिए सात्विक विचार भाव आचरण में सकारात्मकता अपनाना मानवीय मूल्यों और संवेदनशीलता आध्यात्मिकता सनातन संस्कृति के जीवन मूल्यों को दैनिक जीवन में सर्वोच्च महत्व देकर अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा नई पीढ़ी व युवाओं को देनी होगी । अन्यथा हमारा व आने वाली नई युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय और आत्मघाती हो जाएगा।


नैतिक मूल्यों आदर्शो को अपनाने के लिए नई पीढ़ी को सनातन धर्म संस्कृति के अनुरूप शिक्षा संस्कार देने होंगे। युवाओं को उद्यमिता के साथ साथ आधुनिकता के इस दौर में आध्यात्मिकता से भी जोड़ना होगा।

साधन और साध्य की सुचिता, कथनी और करनी की प्रामाणिकता, पारस्परिक प्रेम, सदभाव,सहयोग, सहानुभूति द्वारा सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा समझ जगाना होगी।


व्यक्तिगत जीवन सादगीपूर्ण और सार्वजनिक जीवन कर्त्तव्य पालन, सुनागरिकता दायित्व निर्वहन के साथ  जीना युवाओं को नई पीढ़ी को सीखना होगा।

मनोदैहिक आरोग्य और आध्यात्मिक स्वास्थ्ययुक्त जीवन हेतु संपर्क करें

डा सुरेन्द्र सिंह विरहे 

आध्यात्मिक योग थैरेपिस्ट लाइफ कोच

मनोदैहिक आरोग्य विशेषज्ञ 

9826045177


 

गुर्दे की पथरी; नेफ्रोलिथियासिस; पथरी

 गुर्दे की पथरी छोटे-छोटे क्रिस्टलों से बना एक ठोस द्रव्यमान है। एक ही समय में एक या अधिक पथरी गुर्दे या मूत्रवाहिनी में हो सकती है। गुर्दे ...