Monday, January 15, 2024

बॉलीवुड फिल्मों में पश्चिमी संस्कृति का नकारात्मक प्रभाव नई युवा पीढ़ी की बर्बादी पतन का कारण?

बॉलीवुड फिल्मों में पश्चिमी संस्कृति का नकारात्मक प्रभाव नई युवा पीढ़ी की बर्बादी पतन का कारण? 

युवाओं में बॉलीवुड ओ  टी टी फिल्मों के कारण दिखावटी, भोगवादी जीवन शैली पोर्नोग्राफी व्यसन,  नशाखोरी मादक पदार्थों के सेवन की बुरी लत को  बढ़ती  जा रही है 

पहले की हिंदी फ़िल्में हमे हमारी संस्कृतियों से, परम्पराओं से, संस्कारों से, परिवार से, समाज से, सभी धर्मों को अन्य धर्मों से जोड़ कर रखती थी।

 लेकिन वहीँ आज की बॉलीवुड प्रसारित फिल्मों में इन सब की भूमिका को खत्म करके पश्चिमी संस्कृति को प्रसारित किया जाता है, जहाँ नग्नता और अश्लीलता, वासना, हिंसा, शराब पीना-जुआ खेलना, अपनी संस्कृति को निचा दिखाना और अपने परम्पराओं एवं सभ्यताओं के विरुद्ध जाकर किसी चीज को प्रसारित किया जाता है, जो की भारतीय समाज पर एक गहरा नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। 

युवाओं में इन स्वास्थ्य की दुश्मन मादक पदार्थों के सेवन की आदतों, कु प्रव्रतियों को जड़ से खत्म करना चुनौती बन गया है।

 जबकि युवाओं को अपने जीवन में योग, ध्यान ,प्राकृतिक ऑर्गेनिक आहार , आध्यात्मिक संतुलित  जीवन शैली अपनाने की ओर प्रेरित करना होगा ।

युवा सद आचरण और संयम व्रत का अनुपालन करें। झूठ, फरेब, धोखा लालच,घमंड, इर्षा, बैर आदि को अपने व्यवहार में न आने दें क्योंकि इन सब अवगुणों से दूराचार,पाखंड कुकर्मों से आत्म ग्लानि आत्म क्लेश बढ़ता है 

जिससे मानसिक तनाव,अवसाद ,निराशा, नकरात्मकता बढ़ती है और फिर युवा मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं।

इन सब से  युवाओं को बचाना होगा इसके लिए सात्विक विचार भाव आचरण में सकारात्मकता अपनाना मानवीय मूल्यों और संवेदनशीलता आध्यात्मिकता सनातन संस्कृति के जीवन मूल्यों को दैनिक जीवन में सर्वोच्च महत्व देकर अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा नई पीढ़ी व युवाओं को देनी होगी । अन्यथा हमारा व आने वाली नई युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय और आत्मघाती हो जाएगा।


नैतिक मूल्यों आदर्शो को अपनाने के लिए नई पीढ़ी को सनातन धर्म संस्कृति के अनुरूप शिक्षा संस्कार देने होंगे। युवाओं को उद्यमिता के साथ साथ आधुनिकता के इस दौर में आध्यात्मिकता से भी जोड़ना होगा।

साधन और साध्य की सुचिता, कथनी और करनी की प्रामाणिकता, पारस्परिक प्रेम, सदभाव,सहयोग, सहानुभूति द्वारा सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा समझ जगाना होगी।


व्यक्तिगत जीवन सादगीपूर्ण और सार्वजनिक जीवन कर्त्तव्य पालन, सुनागरिकता दायित्व निर्वहन के साथ  जीना युवाओं को नई पीढ़ी को सीखना होगा।

मनोदैहिक आरोग्य और आध्यात्मिक स्वास्थ्ययुक्त जीवन हेतु संपर्क करें

डा सुरेन्द्र सिंह विरहे 

आध्यात्मिक योग थैरेपिस्ट लाइफ कोच

मनोदैहिक आरोग्य विशेषज्ञ 

9826045177


 

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