Saturday, April 1, 2023

*कोरोना कोविड संक्रमण एक बार फिर से फैल सकता है ... सावधान सतर्क होने की आवश्यकता है।*

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*कोरोना कोविड संक्रमण एक बार फिर से फैल सकता है ... सावधान सतर्क होने की आवश्यकता है।*


अपने जीवन में सर्वोच्च प्राथमिकता अपने एवं परिवार के लिए स्वास्थय आरोग्य पाना होना चाहिए।


आज के बिगड़ते पर्यावरण और मानसिक रोग ग्रस्तता विकट गंभीर रूग्णता के वातावरण में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है। किसी भी तरह की स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही घातक हो सकती है। स्वास्थ्य स्वच्छता के प्रति असावधानी संक्रमण को न्यौता देने के समान है। स्वस्थ जीवन का संकल्प लें।


 अपनी जीवन शैली, खानपान, दिन चर्या सुधारें। पर्याप्त निंद्रा आवश्यकता को पूरा करें। व्यसन, प्रतिदिन नशाखोरी मादक पदार्थों के सेवन की बुरी लत को शीघ्र अतिशीघ्र त्याग दें। 


इन स्वास्थ्य की दुश्मन मादक पदार्थों के सेवन की आदतों, कुप्रव्रतियों को जड़ से खत्म करें।अपने जीवन में योग, ध्यान ,प्राकृतिक ऑर्गेनिक आहार अपनाए। 


सद आचरण और संयम व्रत का अनुपालन करें। झूठ, फरेब, धोखा लालच,घमंड, इर्षा, बैर आदि को अपने व्यवहार में न आने दें क्योंकि इन सब अवगुणों से दूराचार,पाखंड कुकर्मों से आत्म ग्लानि आत्म क्लेश बढ़ता है जिससे मानसिक तनाव, अवसाद ,निराशा, नकरात्मकता बढ़ती है और फिर हम मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं। 


इन सब से बचने के लिए सात्विक विचार भाव आचरण हमें अपनाना होगा। मानवीय मूल्यों और संवेदनशीलता को दैनिक जीवन में सर्वोच्च महत्व देकर अनुशासित जीवन जीना होगा। अन्यथा हमारा व आने वाली नई युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय और आत्मघाती हो जाएगा।


 नैतिक मूल्यों आदर्शो को अपनाने के लिए नई पीढ़ी को सनातन धर्म संस्कृति के अनुरूप शिक्षा संस्कार देने होंगे। युवाओं को उद्यमिता के साथ साथ आध्यात्मिकता से भी जोड़ना होगा।


साधन और साध्य की सुचिता, कथनी और करनी की प्रामाणिकता, पारस्परिक प्रेम, सदभाव,सहयोग, सहानुभूति द्वारा सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा समझ जगाना होगी।


व्यक्तिगत जीवन सादगीपूर्ण और सार्वजनिक जीवन कर्त्तव्य पालन, सुनागरिकता दायित्व निर्वहन के साथ जीना होगा।


मनोदैहिक आरोग्य और आध्यात्मिक स्वास्थ्ययुक्त जीवन हेतु संपर्क करें

डा सुरेंद्र सिंह विरहे

9826042177

जीवन आज है अभी है इसी पल में आनंद असली मौज है

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जीवन आज है अभी है इसी पल में आनंद असली मौज है

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 जीवन आज है अभी है इसी पल में आनंद असली मौज है। जो बीत गया सो बीत गया,अच्छा बुरा वक्त, अच्छे बुरे अनुभव, अच्छे बुरे लोगों से संबंध कभी न कभी छूट ही जाता है। इसलिए बीते कल की बातें को भूलकर अच्छी बुरी स्मृतियों, अच्छी बुरी घटनाओं, अच्छे बुरे बर्ताव दूसरों द्वारा किए गए मान अपमान आदि को नजरंदाज करके एक नई शुरुआत फिर से करें।

 आज में वर्तमान में जिंदादिली से पूरे उत्साह उमंग के साथ ज़िंदगी को हर पल आनंद खुशी और मुस्कुराहट के साथ जीना सीखें।खुद की परवाह,खुद की फिक्र सबसे पहले करना सीखें। दूसरा कभी भी आपका हमेशा साथ नहीं देने वाला है।हर एक रिश्ता प्रिय या अप्रिय एक न एक दिन छूट ही जाता है।

स्वयं को गहरे से जाने,स्वयं से आत्म संवाद करने की कला सीखें। खुदी को बुलंद करें। अपने मन मस्तिष्क में शान्ति स्थापित करें। बैचेन होने व्याकुल, व्यग्र होने से बचें। विचारों में सकारात्मकता लाएं।नकारात्मक बातों को छोड़कर,नकारात्मक सोच वालों से दूरी बना लें। स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति सदैव सजग सचेत रहें। सुबह की सैर करने नियमित रूप जाएं, उगते सूरज को निहारें। पंछी चिड़िया के कलरव को सुनें। एकांत में, मौन में रहना सीखें। 

अपने आपको ध्यान की अनुभूतियों से जोड़कर सृजनात्मक अभिव्यक्ति प्रदान करें। कला ,संगीत , नृत्य आदि से स्वयं को जोड़ें। स्वाध्याय पठन पाठन लेखन आदि में स्वयं को व्यस्त रखें। अपने जीवन को किसी महान लक्ष्य एवम आध्यात्मिक ध्येय अनुगामी बनाने में सदैव तत्पर व सक्रिय रहें।

अपनी स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानें।अपनी मूल रुचि अभिरुचि में तल्लीन रहना सीखें।

मनोदैहिक आरोग्य एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य लाभ लेने अथवा अधिक परामर्श लेनें हेतु संपर्क करें :

डा.सुरेंद्र सिंह विरहे

मानसिक मनोदैहिक आध्यात्मिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ 

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गुर्दे की पथरी; नेफ्रोलिथियासिस; पथरी

 गुर्दे की पथरी छोटे-छोटे क्रिस्टलों से बना एक ठोस द्रव्यमान है। एक ही समय में एक या अधिक पथरी गुर्दे या मूत्रवाहिनी में हो सकती है। गुर्दे ...