जीवन में गुरु का महत्व एवं गुरु महिमा
1जन्मदाता : व्यक्ति को सर्व प्रथम गुरु माता- पिता के प्रति सदा जीवन भर आभारी रहना चाहिए।
माता पिता के कारण ही आपका अस्तित्व है।
2. शिक्षक: अपने शिक्षक जिससे आपने शिक्षा ली हे , उनके प्रति सदा आभारी रहना चाहिए।
गुरु ज्ञान आशीष के पुण्य प्रताप से ही व्यक्ति अपने जीवन में सफलता कीर्ति यश वैभव समृद्धि प्राप्त करता है।
3 प्रकृति कृपा : पंच महाभूत से समस्त विश्व सृष्टि का निर्माण हुआ है प्रकृति जो हमे पृथ्वी जल अग्नि वायु आकाश 5 तत्वों से संचालित कर रही हैं। उसके प्रति सदा आभारी रहना चाहिए।
4. प्रेरणा स्त्रोत : जहां से भी कुछ अच्छा सीखने को मिलता है जो हमारे ज्ञान को पुष्ट करता है, चाहे फिर वो कोई व्यक्ति हो या कोई पदार्थ या कोई अच्छा ग्रंथ, उस प्रेरणा स्त्रोत का हृदय से आभार मानना चाहिए।।
5. कृतज्ञता भाव: इस दिन केवल गुरु की ही नहीं अपितु जहां से भी आपने कुछ अच्छा सीखा है, जहां से भी अच्छे मार्गदर्शन व श्रेष्ठ संस्कार मिलते हैं वह सभी गुरु की श्रेणी में आते हैं। कृतज्ञता भाव से उन सब का भी धन्यवाद करना चाहिए।
6. स्वयंभू गुरु पाखण्डी धूर्त तथाकथित गुरु से सचेत रहें: सबसे महत्व पुर्ण अपने आप को गुरु घंटालो से बचा के रखना है। क्योंकि गुरु का कोई स्वरूप नही होता है। जो गुरू आपको अपनी ज्योति स्वयं बनाना सीखाता हो, वही सच्चा गुरु हे।
जो स्वयंभू गुरु आपसे खुद की पूजा करवाता हो वह गुरू कदापि नही हो सकता।
7. धर्म पत्नी: अर्धांगिनी साक्षात शक्ति स्वरूपा गुरु के रूप में व्यक्ति के जीवन में पत्नी जीवन संगिनी का महत्व सबसे विशेष एवम उल्लेखनीय है । धर्म पत्नी हर पल हर हालात हर प्रसंग पर अच्छे बुरे समय में आपकी शुभचिंतक होती हैं
आपको प्रेरित कर चुनौती स्वीकारने की सीख देती है।
8. मासूम बच्चे भी छोटे उस्ताद गुरु होते हैं: जीवन के कई अवसर पर बच्चे भी बड़ी से बड़ी सीख दे देते हैं बच्चे मन के सच्चे होते हैं निश्चल भाव निर्भार उत्साही रहना बच्चे ही सीखा सकते हैं।
*अतः आशा करते हैं कि यह गुरु पूर्णिमा पर्व आपके लिए अत्यन्त शुभकारी रहे, यह पर्व आपके जीवन में स्वयं के ज्ञान का प्रकाश लाये 💐*
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।।
आप सभी को “गुरु पूर्णिमा” के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
जीवन में अज्ञानता का अंधकार दूर कर ज्ञान का प्रकाश देने वाले सभी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष शुभचिंतक गुरुजनों को आत्मीय प्रणाम व अभिवादन
गुरु वंदन सहित सादर प्रणाम।💐🚩💐
डा सुरेंद्र सिंह विरहे
उप निदेशक
साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद् संस्कृति विभाग
मध्य प्रदेश शासन भोपाल
समन्वयक
आध्यात्मिक नैतिक मूल्य शिक्षा शोध
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मध्य प्रदेश
9826042177
No comments:
Post a Comment