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जीवन आज है अभी है इसी पल में आनंद असली मौज है
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जीवन आज है अभी है इसी पल में आनंद असली मौज है। जो बीत गया सो बीत गया,अच्छा बुरा वक्त, अच्छे बुरे अनुभव, अच्छे बुरे लोगों से संबंध कभी न कभी छूट ही जाता है। इसलिए बीते कल की बातें को भूलकर अच्छी बुरी स्मृतियों, अच्छी बुरी घटनाओं, अच्छे बुरे बर्ताव दूसरों द्वारा किए गए मान अपमान आदि को नजरंदाज करके एक नई शुरुआत फिर से करें।
आज में वर्तमान में जिंदादिली से पूरे उत्साह उमंग के साथ ज़िंदगी को हर पल आनंद खुशी और मुस्कुराहट के साथ जीना सीखें।खुद की परवाह,खुद की फिक्र सबसे पहले करना सीखें। दूसरा कभी भी आपका हमेशा साथ नहीं देने वाला है।हर एक रिश्ता प्रिय या अप्रिय एक न एक दिन छूट ही जाता है।
स्वयं को गहरे से जाने,स्वयं से आत्म संवाद करने की कला सीखें। खुदी को बुलंद करें। अपने मन मस्तिष्क में शान्ति स्थापित करें। बैचेन होने व्याकुल, व्यग्र होने से बचें। विचारों में सकारात्मकता लाएं।नकारात्मक बातों को छोड़कर,नकारात्मक सोच वालों से दूरी बना लें। स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति सदैव सजग सचेत रहें। सुबह की सैर करने नियमित रूप जाएं, उगते सूरज को निहारें। पंछी चिड़िया के कलरव को सुनें। एकांत में, मौन में रहना सीखें।
अपने आपको ध्यान की अनुभूतियों से जोड़कर सृजनात्मक अभिव्यक्ति प्रदान करें। कला ,संगीत , नृत्य आदि से स्वयं को जोड़ें। स्वाध्याय पठन पाठन लेखन आदि में स्वयं को व्यस्त रखें। अपने जीवन को किसी महान लक्ष्य एवम आध्यात्मिक ध्येय अनुगामी बनाने में सदैव तत्पर व सक्रिय रहें।
अपनी स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानें।अपनी मूल रुचि अभिरुचि में तल्लीन रहना सीखें।
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डा.सुरेंद्र सिंह विरहे
मानसिक मनोदैहिक आध्यात्मिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ
लाईफ कोच
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