Tuesday, January 23, 2024

स्वस्थ आरोग्यवान बनने का राज मिलेट्स! ऑर्गेनिक फूड मोटे अनाज स्वास्थ्य का खजाना !

स्वस्थ आरोग्यवान बनने का राज मिलेट्स! ऑर्गेनिक फूड मोटे अनाज स्वास्थ्य का खजाना !

आजकल खान पान की जागरूकता आवश्यक हो गई है। आहार से स्वास्थ्य पाना महत्वपूर्ण विषय ट्रेंड बन चुका है! आरोग्य पाने और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने की जरूरत जीवन का प्रमुख महत्वपूर्ण अंग है जिसमे आपका आहार सर्वाधिक अहम भूमिका निभाता है ।

अपनी आहार चर्या में सुधार करके आप अपने आहार में मोटे अनाज अर्थात मिलेट्स पारंपरिक अनाज का उपयोग करके आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं? आइए,आज हम मिलेट्स के बारे में जानते हैं, जिन्हें ‘सुपर ग्रेन्स’ के रूप में जाना जाता है! इन मोटे अनाज के सेवन से हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को अर्जित कर सकते है। 

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाया गया। सामान्य अनाज जिसमे गेहूं चावल आता है । मोटे अनाज यानी मिलेट्स में ज्वार, बाजरा, रागी, सावा, कोदो, चीना, कुटकी जैसे अनाज आते हैं।

हमसे पूर्व की पीढ़ी दादा दादी के समय में मोटे अनाज हमारे भोजन का एक बड़ा हिस्सा होते थे आहार में मोटा अनाज अनिवार्य होता था।

तथाकथित हरित क्रांति के आने से हमारी थाली में गेहूं और चावल घुसते चले गए और मोटा अनाज नियमित खान पान से दूर होता चला गया। 

जबिक हमारा पारंपरिक भारतीय खानपान मोटे अनाज के रूप में "मिलेट्स" पहले से ही हमारी आहार चर्या जीवन शैली में सम्मिलित रहा है।

मिलेट्स के प्रमुख प्रकार निम्न लिखित है:

* ज्वार (Sorghum): ज्वार भारत में एक पॉपुलर मिलेट्स है और इसे अक्सर रोटी, डोसा, और चावल के रूप में खाया जाता है। यह फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है और यह ग्लूटन-फ्री होता है, जिससे ग्लूटन अलर्जी वाले लोग भी इसे सेवन कर सकते हैं।

 *बाजरा (Pearl Millet): बाजरा उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर खेती किया जाता है और यह विटामिन बी, फोलेट, और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत होता है।


* रागी (Finger Millet): रागी को ‘मंडुआ’ या ‘नाचनी’ के नाम से भी जाना जाता है और यह उच्च प्रोटीन और कैल्शियम का स्रोत होता है। यह खासतर साउथ इंडिया में पसंद किया जाता है और दोसा, इडली, और रोटी के रूप में बनाया जाता है।


* कोरा (Foxtail Millet): कोरा अच्छी तरह से पाचक  होता है और यह फाइबर और विटामिन्स का अच्छा स्रोत होता है। यह स्वादिष्ट पुलाव और उपमा के रूप में खाया जा सकता है।


* भगर मोरधन  (Proso Millet): इसे भी व्यापकता से खाया जा सकता है और यह विटामिन्स, मिनरल्स, और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है।

मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभ:

*पौष्टिकता (Nutrient-Rich):

मिलेट्स पारंपरिक अनाजों में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, और फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं। ये हमारे शरीर को सभी महत्वपूर्ण पोषण तत्वों के लिए आवश्यक होते हैं और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।


*वजन नियंत्रण (Weight Management):

मिलेट्स का सेवन करने से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है क्योंकि इनमें फाइबर होता है जो भूख को कम करता है और लाइपिड्स की अवबद्धि में मदद करता है।मोटे अनाज शरीर में फैट चर्बी कम करते हैं।

*दिल के स्वास्थ्य (Heart Health):

मिलेट्स में गैलेक्सी ऑफ एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इनमें सॉरगलेट (Sorghum) कम लाइपिड्स और कोलेस्ट्रॉल की भारी मात्रा में पाया जाता है, जिससे दिल की बीमारियों की रिस्क कम होता है।


*मधुमेह प्रबंधन (Diabetes Management):

मिलेट्स ग्लूकोज की स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं और मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।


*कैंसर प्रतिरोधक (Cancer Fighter):

बाजरे (Pearl Millet) में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मदद कर सकते हैं।

निम्नलिखित कुछ मिलेट्स के प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं जो आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं:

* मिलेट्स की रोटी (Millet Roti): मिलेट्स की रोटी विभिन्न प्रकार के मिलेट्स का आटा बनाकर बनाई जाती है। यह बेहद पौष्टिक होती है और अन्य प्रकार की रोटियों के साथ खाई जा सकती है।

* मिलेट्स की खिचड़ी (Millet Khichdi): मिलेट्स की खिचड़ी एक स्वास्थ्यपूर्ण और सात्विक व्यंजन होता है। इसमें अकेले या अन्य दालों के साथ मिलेट्स का सेवन किया जाता है, और इसमें सब्जियों और मसालों का भी उपयोग होता है।

इसी तरह इडली डोसा ब्रेड पोहा जूस खीर आदि भी मोटे अनाज  से निर्मित मिलेट्स युक्त आहार आज खूब प्रचलन में है।

अब फिर से कृषि में मोटे अनाजों का दौर शुरू हो गया है क्योंकि ऑर्गेनिक फूड के नाम से मॉल और बड़े किराना स्टोर पर प्रीमियम कीमतों पर मिलेट्स बिकने लगा। यानी कि मोटे अनाजों के दिन फिर से लौट आए हैं।

आज पूरी दुनिया उसी भुला दिए गए मोटे अनाजों की तरफ वापस लौट रही है। 

यदि आप मिलेट्स मोटा अनाज का उपभोग करेंगे स्वस्थ आरोग्यवान रहेंगे ।

साथ ही मिलेट्स आहार में रोजाना सेवन करने से बाजार में मांग बढ़ेगी मांग बढ़ेगी तो उत्पादन बढ़ेगा और हमारे किसान मोटे अनाज खेती की तरफ अग्रसर होंगे । जिससे भारत की कृषि अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी।

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अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें डा सुरेंद्र सिंह विरहे मनोदैहिक आरोग्य विशेषज्ञ आध्यात्मिक योग थैरेपिस्ट लाइफ कोच ईमेल utkarshfrom1998@gmai.com मोबाईल नम्बर 982604217 




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