डिप्रेशन
डिप्रेशन या अवसाद क्या है?
डिप्रेशन एक गंभीर घातक बीमारी है, जिसमें आपका शरीर, मन की दशा और विचार शामिल होते है। ये आपके खाना खाने और नींद लेने के तौर तरीकों पर असर डालता है। यहां तक कि आप अपने बारे में क्या महसूस करते है और दूसरी बातों के बारे में क्या सोचते है, इस पर भी डिप्रेशन असर डालता है।
डिप्रेशन उदासी से कहीं ज़्यादा गहरा मामला होता है।
डिप्रेशन (अवसाद) का कोई एक कारण नहीं होता। कई बार ये बीमारी पारिवारिक होती है, लेकिन येउन्हें भी होता है, जिनके परिवार में कोई भी डिप्रेशन का शिकार ना हुआ हो।
ज़िंदगी में तनाव भरे बदलाव जैसे तलाक, नौकरी गंवाना, अपने करीबी इंसान को खो देना, और कोई गंभीर बीमारी का शिकार हो जाने के कारण भी डिप्रेशन या अवसाद होता है। कुछ लोग मानते है कि बूढ़े लोगों में डिप्रेशन (अवसाद) सामान्य बात है, लेकिन ऐसा नहीं है।
डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं?
हमेशा दुखी व खाली महसूस करना।
अपनी पसंदीदा चीज़ों में दिलचस्पी खो देना
चिड़चिड़ापन महसूस करना
बहुत रोना
खुद को अपराधी, बेकार और बिना काम का समझना
एक चीज़ पर ध्यान लगाने में, या निर्णय लेने में कठिनाई
बहुत सोना या बिल्कुल ना सोना
बहुत खाना या बिलकुल ना खाना।
खुदकुशी या मृत्यु के ख़्याल आना
शराब या ड्रग लेना
डिप्रेशन का सामना कैसे करें ?
ऊपर दिए लक्षण अगर दो हफ्ते से ज़्यादा समय तक दिखाई दें, तो किसी प्रोफेशनल की मदद लें। डिप्रेशन कई बीमारियों के कारण भी हो सकता है, जैसे डायबिटीज़ , हृदयरोग, अल्ज़ाइमर, हार्टअटैक, कैंसर और स्ट्रोक। कुछ दवाईयों से डिप्रेशन हो सकता है, यहां तक कि कुछ मानसिक बीमारियां और ड्रग्स लेने की आदत से भी डिप्रेशन हो सकता है। इलाज से आपको डिप्रेशन से निकलने में मदद मिलेगी।
डिप्रेशन का इलाज कैसे करें?
अगर आपके मस्तिष्क के रसायन (केमिकल्स) संतुलित नहीं है, तो इससे डिप्रेशन हो सकता है। कुछ लोगों में इलाज का असर होता है लेकिन कुछ लोगों को सलाह मश्विरे से मदद मिलती है। कुछ लोगों को दवा और सलाह मश्विरे के मेल जोल से फायदा पहुंचता है। अगर आपको सलाह मश्विरे और दवाई, दोनों से ही फायदा ना पहुंचे, तो तब तक कोशिश करते रहें, जब तक कि डिप्रेशन से निकलने का सही रास्ता ना मिल जाए। ज़्यादांतर लोग कुछ हफ्तों में ठीक महसूस करने लगते है।
No comments:
Post a Comment