Sunday, September 25, 2022

नवरात्रि नव दुर्गा शक्ति साधना के लिए प्रार्थना स्तुति से दुःख, संकट, पाप और संताप से मुक्ति पाएं...

नवरात्रि नव दुर्गा शक्ति साधना के लिए प्रार्थना स्तुति से दुःख, संकट, पाप और संताप से मुक्ति पाएं...

जीवन में शक्ति की उपासना अति महत्त्वपूर्ण है

मनुष्य का हर कर्म शक्ति पर निर्भर है। सर्वोच व सर्वदा नितांत आत्मिक प्राण शक्ति , सूक्ष्म शरीर में स्थित कुण्डलिनी शक्ति या फिर चाहे स्थूल शरीर में ऊर्जा रूप में प्रवाहित शक्ति ही क्यूं न हो बिना मूल स्रोत शक्ति अर्थात्  मां शक्ति की कृपा के

किसी का भी अस्तित्व ,जीवन, मरण और परम गति मोक्ष संभव नहीं है।

सृष्टि जीवन की कल्पना बिना शिव और शक्ति के नही की जा सकती।

संसार के समस्त आकार तथा सर्वत्र साकार में शिवत्व कल्याणकारी व्याप्ति शक्ति के शुभत्व आशिर्वाद के परिणामस्वरूप ही परिलक्षित होती है।

अर्थात् सत्यम शिवम् सुंदरम की अभिव्यक्ति शक्ति के वरदानों से ही मानव जाति का अभ्युदय हुआ है।

नवरात्रि पर्व मां नवदुर्गा के नौ रूप शक्ति की महिमा अर्चना उपासना और कृपा पाने की प्रार्थना का स्वर्णिम अवसर हम सभी के लिए इस शारदीय नवरात्रि में शक्ति योग साधना के लिए आता है।

आइए मां शक्ति की आराधना हार्दिक व भावपूर्ण रूप से निम्न प्रार्थना से करें:

हे नवदुर्गा कृपा करो माँ, जगती का उपकार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

शैलपुत्री माँ सती-पार्वती, भव बंधन से मुक्त करा दो।

प्यार और सहकार बढ़े माँ, सुविचार की धार बहा दो।।

बृषभ स्थिता, हेमवती माता, दिव्य ज्ञान संचार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

ब्रह्मचारिणी ब्राह्मी माता, तप करने की शक्ति हमें दो।

शिव स्वरूपा गनेश जननी, शिव की अविचल भक्ति हमें दो।।

ज्योतिर्मय हे मातु उमा अब, मन में श्रेष्ठ विचार भरो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

चंद्रघंटा हे मातु भवानी, हर संकट को दूर भगा दे।

सुख,सौभाग्य, शांति दे माते,हर मानव को श्रेष्ठ बना दे।।

दिव्य विभूतियाँ दे दो अम्बे, अहंकार संहार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

कूष्मांडा हे आदिशक्ति माँ, तूने ही ब्रह्माण्ड बनाया।

अष्टभुजा हे आदिस्वरुपा, तेरी कांति सर्वत्र समाया।।

रोग शोक का अंत करो माँ, अंतस से कुविचार हरो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।  

स्कंदमातापरम सुखदायी, मुक्ति मोक्ष को सहज करा दो।

शुभ्रवर्ण कमलासिनी माते, मूढ़ मति हैं, श्रेष्ठ बना दो।।  

सांसारिक जीवों में माता, नवचेतन का प्रसार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।  

कात्यायिनी माता की भक्ति, जो साधक कर पाता है।

धर्म अर्थ और काम मोक्ष की, प्राप्ति सहज हो जाता है।।

चतुर्भुजा हे मातु पराम्बा, भय रोग शोक संताप हरो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

कालरात्रि हे महाकाली माँ, संत साधू अब भटक रहे हैं।

रुद्रानी चामुंडा चंडी माँ, रक्तबीज फिर पनप रहे है।।

हे शुभंकरी फिर असुर बढ़े हैं, उन सबका संहार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

महागौरी हे मातु अम्बे, पाप हरिणी पुण्य प्रदाता।

शक्ति अमोघ हे वृषारूढ़ा, सद्य: फलदायिनी हे माता।।

चैतन्यमयी हे मातु भवानी, दुष्टों का उपचार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

सिद्धिदात्री जय माँ दुर्गे, साधक में नव प्राण भरो।

सिंहासिनी कमलासिनी देवि, सर्वसिद्धि का दान करो।।

प्राणी मात्र को सुखी करो माँ, श्रद्धा का संचार करो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

मातृ रूप में हे माँ दुर्गा, हर प्राणी को वरदान दो।  

जीव मात्र हों सुखी निरोगी, सबका ही कल्याण हो।।

हे नवदुर्गा, हे शक्तिस्वरूपा, मानव में श्रेष्ठ विचार भरो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

मातृ रूप में हे माँ दुर्गा, हर प्राणी को वरदान दो।  

जीव मात्र हों सुखी निरोगी, सबका ही कल्याण हो।।

हे नवदुर्गा, हे शक्तिस्वरूपा, मानव में श्रेष्ठ विचार भरो।

मानव में देवत्व जगाकर, भू पर स्वर्ग साकार करो।।

हे परम शक्ति मां !! कृपा करो।।

भूल, त्रुटि , छल ,कपट , हास ,परिहास, निंदा, अपमान, क्रोध, अहंकार, भ्रष्टाचार,दुराचार,व्यभिचार , दुर्भावना,द्वेष, दुर्गुण आदि के कृत्य कुकर्म के लिए मानव मात्र को क्षमा कर दंड से मुक्त कर दो मां।।

नवरात्रि नवदुर्गा शक्ति साधना के लिए  सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

जय माता दी।।

🔸संपर्क🔸

 डा सुरेंद्र सिंह विरहे

 मनोदैहिक आरोग्य आध्यात्मिक स्वास्थ्य विषेशज्ञ एवं लाईफ कोच, स्प्रिचुअल योगा थेरेपिस्ट

स्थापना सदस्य

मध्य प्रदेश मैंटल हैल्थ एलाइंस चोइथराम हॉस्पिटल नर्सिंग कॉलेज इंदौर

निदेशक

दिव्य जीवन समाधान उत्कर्ष

Divine Life Solutions Utkarsh

पूर्व अध्येता

भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् दिल्ली

"Philosophy of Mind And Consciousness Studies"

Ex. Research Scholar

At: Indian Council of Philosophical Research ICPR

Delhi

utkarshfrom1998@gmail.com

9826042177,

8989832149



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