Wednesday, April 10, 2024

जीवन में आनंद ही आनंद है।

 जीवन में आनंद क्या है? जीवन में आनंद सिर्फ और सिर्फ इस बात में है कि जो आपके पास है, उससे यदि आप सुखी है, तो आपके जीवन में आनंद ही आनंद है। यदि आप अपनी जिन्दगी की हर परिस्थितियों से संतुष्ट रहकर आने वाले सुख और दुख को भगवान का आशीर्वाद समझकर अपनाते हैं, तो यकीन मानिए आप इस धरा के सबसे सुखी इंसान है।


जीवन का असली आनंद कब मिलता है?

जब आप स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को मजबूत बना लेते हैं, तो आप जीवन को सही रूप में जीते हैं। आपका भावनात्मक स्तर और आध्यात्मिक स्तर बढ़ जाता है। तभी आप सच्चा आनंद महसूस कर सकते हैं।


आनंद दो प्रकार के होते हैं। एक विषयानंद और एक परमानंद। विषयों से मिलने वाले आनंद को विषयानंद कहते हैं और ईश्वर की भक्ति से मिलने वाले आनंद को परमानंद कहते हैं।


सुख और आनंद में क्या अंतर है?

मनोवैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो सुख और आनंद का अंतर पता चलता है। जब अनुभूति की तरंगें मन के भीतर रह गई, तब उसे कहेंगे सुख। जब तरंगें मन के भीतर में ही नहीं, बल्कि बाहर भी आ गई हैं यानी जब मनुष्य महसूस करते हैं कि सुख की तरंगें उनके अंदर भी हैं और दस दिशाओं में भी हैं, तो उसे कहेंगे आनंद।

जीवन का सबसे बड़ा सुख है “आत्म सन्तोष की भावना।” जो मनुष्य अपने पास उपस्थित संसाधनों से संतुष्ट न हो कर सदैव दूसरों को देखकर तृष्णा का भाव रखता है,वह कभी सुखी नहीं रह सकता। इसके विपरीत जो लोग सीमित संसाधनों में भी संतोष रखते हैं, वे अपने दुख के पलों में भी सुख का कारण तलाश कर ही लेते हैं।


असली खुशी आत्म-संतुष्टि, आनंद और पूर्णता की अनुभूति से प्राप्त होती है।


जब हमारा जीवन सकारात्मक भावनाओं, परस्पर पूरक महान रिश्तों, ध्यान योग द्वारा मन पर नियंत्रण के अभ्यास करने की ताकत और दिव्य जीवन उत्कर्ष उद्देश्य की भावना से समृद्ध होता है, तो हम चुनौतियों को पूरा करने के लिए तैयार होते हैं।


लक्ष्य निर्धारित करने और उसे प्राप्त करने की संकल्प शक्ति से हमें अपनी ऊर्जा सार्थक कार्य सही दिशा में लगाने के लिए शिवम योग दिव्य उत्कर्ष विद्या द्वारा मार्गदर्शन मिलता है।


 इससे हमें यह देखने को मिलता है कि हम कैसे स्वयं में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।प्रतिकूल परिस्थितियों में साहस धैर्य रखना सीखते हैं जीवन में निरर्थक कार्यों गतिविधियों में अपनी ऊर्जा शक्ति न खर्च करने की समझ दिव्य उत्कर्ष विद्या के अनुपालन से सीखी जा सकती है।


 अधिक विस्तृत मार्गदर्शन एवं शिवम योग दिव्य उत्कर्ष विद्या सीखने प्रशिक्षित होने के लिए संपर्क कीजिए 

डा सुरेन्द्र सिंह विरहे 

मनोदैहिक स्वास्थ्य आरोग्य विशेषज्ञ आध्यात्मिक योग चिकित्सक लाईफ कोच डिवाइन लाईफ सॉल्युशंस भोपाल मध्य प्रदेश 

Dr Surendra Singh Virhe 

9826042177

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