Monday, November 21, 2022

पति पत्नी के रिश्ते को अच्छे से निभाने के लिए क्या करें !

 पति पत्नी का रिश्ता दुनिया में सबसे ज्यादा चुनौती पूर्ण और अनमोल है। पति पत्नी के रिश्ते की खुबसूरती है आपसी तालमेल, विश्वास,परवाह,समन्वय, निस्वार्थ सेवा भाव और अटूट प्रेम । यह एक ऐसा आपसी मधुर संबंध है जिसमें एक दूसरे को हर पल आश्वस्त करना सहयोग सुरक्षा संरक्षण प्रदान करना व निष्ठा के साथ सतत निभाने की सुनिश्चितता प्रदान करना अत्यंत आवश्यक होता है।

आजकल की भागम भाग भरी जिंदगी में आपसी संबंधों में टूटन दरार, बिखराव और तनाव बढ़ता जा रहा है ऐसे में अगर पति पत्नी के रिश्ते में भी खटास आ जाए तो यह अत्यंत चिंताजनक स्थिति की ओर इशारा करता है क्योंकि इसका सीधा बुरा असर आपके परिवार बच्चों पर पड़ता है। दुनिया में सबसे ज्यादा कीमती अगर कुछ है तो वह है अपनों की अपने परिवार की खुशी। इसे कायम रखने के लिए हर संभव कोशिश की जानी चाहिए।

पति पत्नी का रिश्ता दुनिया में सबसे ज्यादा सुखद रोमांचक और अनूठा होता है जीवन की बड़ी से बड़ी चुनौतियों को कठिनाइयों को दूर करने में यह रिश्ता प्रेरणा व हौंसला प्रदान करने वाला होता है। इंसान की सफलता और उपलब्धियों के पीछे दांपत्य जीवन की अनुकूलता अत्यंत जरूरी है । 

विवाह संबंध निर्वहन में इस अनमोल रिश्ते को निभानें में पति पत्नी की बराबर की भूमिका दांपत्य जीवन पारिवारिक सुख सुविधा जुटान ,प्रबंधन करने की कला में दोनों का निपुण होना अत्यंत आवश्यक होता है।

पत्नी अपनी ग्रह कार्य , साज सज्जा, सफाई पाक कला और सजने संवरने , सौंदर्यवान बनने की कुशलता दक्षता के साथ पति को सेवा सुविधा एवं समर्पण भाव से प्रेम प्रदान करती है।

इसी तरह से पति अपने कर्तव्य निर्वहन के साथ पत्नी को रोटी कपड़ा मकान, भरण पोषण , संरक्षण सेवा ,सुख सुविधा और आजीवन अनेकों भेंट देने के साथ भरपूर प्रेम आनंद प्रदान करने की व्यवस्था करता है।


उपरोक्त समझोते संदर्भ के साथ परस्पर विवाह संस्कार के वचनों को निभाते हुए पति पत्नी अपने रिश्ते को अच्छे से कायम रख सकते हैं।


इसके अलावा पति पत्नी के रिश्ते को अच्छा रखने के लिए एक दूसरे के स्वभाव आदत, पसंद ना पसंद को ध्यान में रखते हुए हर पल हर दिन सुख भोग आनंद प्रदान करने की नित नई आश्चर्य चकित करने लुभाने, रिझाने, बच्चों की तरह लड़ने झगड़ने एक दूसरे को रूठने मनाने बहलाने की चेष्ठा प्रवृत्ति को कायम रखना अत्यंत आवश्यक होता है

और साथ ही एक दूसरे की शक्ति खूबी विशेषता को जान कर प्रोतसाहित प्रेरित करना व गलतियो ,कमजोरियों को सुधारने में सहयोग प्रदान करना जरूरी होता है कभी कभी एक दूसरे के अनजाने में हुए गलत बुरे आचरण बर्ताव को नजरंदाज कर फिर से नई शुरआत करने का सिलसिला जारी रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।इसके अतिरिक्त आप स्वयं जो जरूरी समझते हैं उसे कमेंट में लिखकर भेंजे।

🔸संपर्क🔸

*डा सुरेंद्र सिंह विरहे

उप निदेशक

मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद् संस्कृति विभाग एवं

शोध समन्वयक

आध्यात्मिक, नैतिक मूल्य शिक्षा शोध

धार्मिक न्यास धर्मस्व विभाग मध्य प्रदेश शासन भोपाल*

*मनोदैहिक आरोग्य आध्यात्मिक स्वास्थ्य विषेशज्ञ एवं लाईफ कोच, स्प्रिचुअल योगा थेरेपिस्ट*


*स्थापना सदस्य

मध्य प्रदेश मैंटल हैल्थ एलाइंस चोइथराम हॉस्पिटल नर्सिंग कॉलेज इंदौर*


*निदेशक

दिव्य जीवन समाधान उत्कर्ष

Divine Life Solutions Utkarsh*


*पूर्व अध्येता

भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् दिल्ली


"Philosophy of Mind And Consciousness Studies"


JRF At: Indian Council of Philosophical Research ICPR

Delhi*


utkarshfrom1998@gmail.com


9826042177,

8989832149




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