धर्म, सनातन संस्कृति, परिवार के संरक्षण के लिए तथा सुखी समृद्ध आरोग्य युक्त जीवन जीना हो तो संकल्प लीजिए ...
विवाह संस्कार के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , कन्याओं का विवाह 21 से 25 वे वर्ष तक, और लड़कों का विवाह 25 से 29वें वर्ष की आयु तक हर स्थिति में बिना दहेज व दिखावे के हो जाना चाहिए !
जमीन से जुड़े,आस पड़ोस सामाजिक ताने बाने के लिए :-
संकल्प लीजिए कि , फ्लैट न लेकर जमीन खरीदो, और उस पर अपना घर बनाओ! वरना आपकी संतानों का भविष्य पिंजरे के पंछी की तरह हो जाएगा* इसलिए बिना किसी भेदभाव के आस पड़ोस की सामाजिक सांस्कृतिक समरसता के साथ बच्चों का लालन पालन करें।
संयुक्त परिवार व्यवस्था की पुनः स्थापना के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , नयी युवा पीढ़ी को कम से कम तीन संतानों को जन्म देने के लिए प्रेरित करें !जिससे काका काकी, मामा मामी, बुआ, भाभी आदि रिश्ते कायम रहें।
अपनी मूल जड़ों से जुड़े रहने के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , गांव से नाता जोड़ कर रखें ! और गांव की पैतृक सम्पत्ति, और वहां के लोगों से नाता, जोड़कर रखें ! सप्ताह में एक दो दिन ग्रामीण जीवन जिएं।
सनातन धर्म व आध्यात्मिक संस्कृति के रक्षार्थ नई पीढ़ी के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , अपनी संतानों को अपने धर्म की शिक्षा अवश्य दें, और उनके मानसिक , शारीरिक,आध्यात्मिक विकास पर अवश्य ध्यान दें !
सतर्क सावधान हो किसी भी अप्रत्याशित हानि से बचने के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , किसी भी संदिग्ध और आतंकवादी प्रवृत्ति के व्यक्ति से सामान लेने-देने, व्यवहार करने से यथासंभव बचें ! राष्ट्रद्रोही, जेहादी, असामाजिक तत्वों का बहिस्कार करें।
स्वावलंबन के साथ जीने के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , घर में बागवानी करने की आदत डालें,(और यदि पर्याप्त जगह है,तो देशी गाय पालें। ज़हरीले रसायनिक खाद पदार्थ व मिलावट के आहार से बचें।
तीज त्यौहार पर्व पारिवारिक प्रेम सौहार्द के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , होली, दीपावली,विजयादशमी, नवरात्रि, मकर संक्रांति, जन्माष्टमी, राम नवमी, आदि जितने भी त्यौहार आयें, उन्हें आफिस/कार्य से छुट्टी लेकर सपरिवार मनाये।
प्रकृति पर्यावरण संरक्षण के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , पौधारोपण को बढ़ावा देंगे !(हो सके तो पैदल चलने को अपनाए, व परिवार के साथ प्राकृतिक स्थल का भ्रमण करें )
स्वस्थ दिनचर्या आरोग्य के लिए:-
संकल्प लीजिए कि , प्रात: काल 5-5:30 बजे उठ जाएं, और रात्रि को 10 बजे तक सोने का नियम बनाएं ! सोने से पहले आधा गिलास पानी अवश्य पिये (हार्ट अटैक की संभावना घटती है)
कर्म कौशल श्रम की प्रतिष्ठा के लिए:-
संकल्प लीजिए कि ,यदि आपकी कोई एक संतान पढ़ाई में असक्षम है, तो उसको कोई भी हुनर (Skill) वाला ज्ञान जरूर दें !
धर्म शास्त्र स्वाध्याय के लिए:-
संकल्प लीजिए कि आपकी प्रत्येक संतान को कम से कम तीन धर्म ग्रंथ गीता, रामायण वेद उपनिषद् स्वाध्याय के लिए प्रेरित करेगें।
सामाजिक सांस्कृतिक विरासत परंपरा निर्वहन के लिए:-
संकल्प लीजिए कि जब भी परिवार व समाज के किसी कार्यक्रम में जाएं, तो अपनी संतानों को भी ले जाएं ! इससे उनका मानसिक विकास सशक्त होगा !
बुद्धू बक्सा टीवी एवम मोबाइल लत वर्चुअल दुनिया के संक्रमण से बचने के लिए:-
संकल्प लीजिए कि परिवार के साथ मिल बैठकर भोजन करने का प्रयास करें, और भोजन करते समय मोबाइल फोन और टीवी बंद कर लें ! शयन कक्ष एवम शौचालय में मोबाइल ना उपयोग करें।
फिल्म वेब सीरिज के दुष्प्रभाव से बचने के लिए:-
संकल्प लीजिए कि अपनी संतानों को बालीवुड की कचरा फिल्मों से बचाएं, घटिया वेब सीरिज न देखें और प्रेरणादायक फिल्में दिखाएं !
आहार शुद्धि के लिए:-
संकल्प लीजिए कि जंक फूड और फास्ट फूड से बचें ! सात्विक आहार अपनाएं।
सुप्रभात व संध्या उपासना के लिए:-
संकल्प लीजिए कि प्रातः संध्या अग्निहोत्र करेगें व सांयकाल के समय कम से कम 10 मिनट भक्ति संगीत सुने, बजाएं !
व्यर्थ के खर्चे से बचने के लिए:-
संकल्प लीजिए कि दिखावे के चक्कर में पड़कर, व्यर्थ का खर्चा न करें। मितव्ययता के लिए ऑन लाइन खरीदी की आदत छोड़ दें !
स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण के लिए:-
संकल्प लीजिए कि दो किलोमीटर तक जाना हो, तो पैदल जाएं, या साईकिल का प्रयोग करें !
नशे व्यसन मुक्त होने के लिए:-
संकल्प लीजिए कि अपनी संतानों के मन में किसी भी प्रकार के नशे (गुटखा, तंबाखू, बीड़ी, सिगरेट, दारू...) के विरुद्ध चेतना उत्पन्न करें,तथा उसे विकसित करें !
सात्विकता को बढ़ावा देने के लिए:-
संकल्प लीजिए कि सदैव सात्विक भोजन ग्रहण करें, अपने भोजन का ईश्वर को भोग लगा कर प्रसाद ग्रहण करें !
संकल्प लीजिए कि अपने आंगन में तुलसी का पौधा अवश्य लगायें, व नित्य प्रति दिन पूजा, दीपदान अवश्य करें !
आत्म रक्षा के लिए:-
संकल्प लीजिए कि अपने घर पर एक हथियार अवश्य रखें, ओर उसे चलाने का निरन्तर हवा में अकेले प्रयास करते रहें, ताकि विपत्ति के समय प्रयोग कर सकें ! जैसे-लाठी,हॉकी,गुप्ती, तलवार,भाला,त्रिशूल व बंदूक/पिस्तौल लाइसेंस के साथ !
संतान समानता के लिए:-
संकल्प लीजिए कि घर में पुत्र का जन्म हो या कन्या का, खुशी बराबरी से मनाएँ ! दोनों जरूरी है ! अगर बेटियाँ नहीं होगी तो परिवार व समाज को आगे बढाने वाली बहुएँ कहाँ से आएगी और बेटे नहीं होंगे तो परिवार समाज व देश की रक्षा कौन करेगा !
उक्त संकल्प सिद्धि प्राप्त करने हेतु हार्दिक शुभकामनाएं साभार मूल विचार स्त्रोत
कृपया स्व हित व राष्ट्र संस्कृति हित में अधिक से अधिक इस संकल्प सिद्धि को प्रचारित प्रसारित करें।
🔸संपर्क🔸
डा सुरेंद्र सिंह विरहे
मनोदैहिक आरोग्य आध्यात्मिक स्वास्थ्य विषेशज्ञ एवं लाईफ कोच, स्प्रिचुअल योगा थेरेपिस्ट
उप निदेशक
मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद् भोपाल
शोध समन्वयक
धार्मिक न्यास धर्मस्व विभाग मध्य प्रदेश शासन
स्थापना सदस्य:
मध्य प्रदेश मैंटल हैल्थ एलाइंस चोइथराम हॉस्पिटल नर्सिंग कॉलेज इंदौर
निदेशक
दिव्य जीवन समाधान उत्कर्ष
Divine Life Solutions Utkarsh
पूर्व अध्येता
भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् दिल्ली
"Philosophy of Mind And Consciousness Studies
utkarshfrom1998@gmail.com
9826042177,
8989832149
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