Tuesday, March 26, 2024

सावधान ! क्या इंसानी दिमाग की क्षमता तेजी से कम होती जा रही है?

 सावधान ! क्या इंसानी दिमाग की क्षमता तेजी से कम होती जा रही है? 

जी हां यह सच वर्चुअल वर्ल्ड में फंस कर  मनुष्य का मस्तिष्क कमजोर होता जा रहा है। सोशल मीडिया मोबाइल फ़ोन में सुबह से शाम और देर रात तक ऑनलाइन रहने के कारण लोग इस वर्चुअल दुनिया में शॉर्ट विडियो, रील,स्टोरी बनाने और लाइव स्ट्रीमिंग के चक्कर में एक नशे की लत की तरह डूबते चले जा रहे हैं सोशल मीडिया पर वायरल हो प्रसिद्ध होने की पागलपंती    जुनून  , रातों रात लाखों करोड़ों कमाने की ज़िद तथाकथित  फैंटेसी आइकॉन बन कर  फॉलोअर बड़ाना ज्यादा से ज्यादा व्यूज पाने की होड़ मची हुई है ।आजकल मोबाइल इंटरनेट तकनीकी के 5 जी स्पीड  संजाल ने युवाओं को बेरोजगारी के चलते अलग अलग तरह के ऑन लाइन गेम ऐप जुएं सट्टे ने बर्बाद कर रखा है। आईपीएल ड्रीम इलेवन, माय इलेवन सर्कल आदि पर क्रिकेट टीम बनाने की लत, करोड़ जीतने की लालच में युवा वर्ग को मानसिक तनाव का शिकार बना दिया है।अवसाद निराशा के कारण आत्महत्या प्रवृति नशाखोरी समाज में तेजी से बढ़ रही है ।

इंस्टाग्राम फैसबुक  यू ट्यूब, टेलीग्राम और  अन्य सोशल मीडिया प्लेट फार्म पर लगातार अपडेट रहने, ऊल जलूल हरकतें रिकार्ड कर वीडियो, रील, शॉर्ट, स्टोरी बनाने की उनसे पैसा कमाने की सोच के कारण युवा पीढ़ी व लोगों की श्रम के प्रति निष्ठा कम होती जा रही है। जीवन में शॉर्ट कट, जुगाड तुगाड ट्रिक आजमाने  की अल्प बुद्धि खपत होने से स्वाभाविक योग्यता कार्य क्षमता सीमित होती जा रहीं है। सही गलत सोचने समझने की बुद्धि अत्यंत सीमित होती जा रही है हर समस्या का हल वर्चुअल डिजिटल दुनिया में खोजने की प्रवृत्ति ने प्रमाद आलस्य अकर्मण्यता को चारों तरफ फैला दिया है।

परिणाम स्वरूप लोगों में नैतिक मूल्यों  और मानवीय संवेदना का पतन होता जा रहा है। आपसी प्रेम विस्वास सद्भाव कम होता जा रहा है।

आपाधापी अति स्वार्थ भावना ने लोगों में लालच धोखाधड़ी को बड़ावा दिया है। चोरी अपराध असामाजिक तत्वों को पनपने में वर्चुअल दुनिया की चकाचौंध से उपजी मानसिक   संकीर्णता जिम्मेदार है।समय रहते हमें सोशल मीडिया  मोबाइल लत वर्चुअल दुनिया के इंटरनेट दुष्प्रभाव को लेकर सचेत रहना होगा। अन्यथा समाज में मानसिक रोगों  की संख्या बढ़ती चली जायेगी। आपसी रिश्ते नाते टूटते परिवार,अनैतिकता अविश्वास अराजकता और नकरात्मक सोच आज घातक  होते चले जायेंगे। इसलिए मोबाईल इंटरनेट लत आईपीएल ड्रीम इलेवन टीम फैंटेसी टीम बनाने , ऑनलाइन गेम, जुंए सट्टे  सोशल मीडिया की अति से बचकर आज स्वस्थ नैसर्गिक जीवन जीना अत्यंत आवश्यक है।

योग युक्त जीवन शैली और आध्यात्म की शिक्षा आज अत्यंत आवश्यक है जिससे मनुष्य अपनी स्वाभाविक प्रतिभा योग्यता को निखार सके और मौलिक सोच सकारात्मक सोच, मानवीय संवेदनशीलता नैतिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए परस्पर सहयोग सदभाव आपसी विश्वास से स्वस्थ  शांति और प्रेमपूर्वक जीवन जी सकें।

जीवन शैली समस्या  समाधान स्वास्थ्य देखभाल उपचार के मार्गदर्शन हेतु संपर्क करें

डा सुरेन्द्र सिंह विरहे

मनोदैहिक स्वास्थ्य आरोग्य और आध्यात्मिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आध्यात्मिक योग थैरेपिस्ट लाइफ कोच

9826042177

No comments:

Post a Comment

प्रेम की बेबसी

 प्रेम की तडपन प्रेम की बेबसी  कितना आसान है किसी पुरुष का एक स्त्री से प्रेम कर लेना, और कुछ वक्त साथ बिताकर उसे भूल भी जाना! पुरुष के लिए ...